सच्चाइयों ने जग में रुसवा किया मुझे
दौलते दर्द को दुनिया से छुपा कर रखा
आँख में बूँद न थी दिल में समुंदर रखा
ये शिददते अहसास भी मर जाए तो अच्छा
कमबख़्त यही मुझको परेशान करें है
मुझको फ़रेब दे न सके गा तेरा खलूस
मैं ने तुझे क़रीब से देखा है ज़िंदगी
हर तरफ़ हर जगह बेशुमार आदमी
फिर भी तनहाईयोंं का शिकार आदमी
हम ने जब जब प्यार बाटा तोहमतें मिलीं
ज़िन्दगी का एक यह भी तजुरबा अच्छा लगा