तसलीम कर लिये हैं नाकर्दा जुर्म भी
कुछ मसलेहत थी बात बढ़ने से डर गए
मैं जो तनहा हुआ बढ़ने लगी शोहरत मेरी
आ गई काम मेरे मुझसे बग़ावत मेरी
CHOICE MADE BY A FRIEND GN
कुछ मसलेहत थी बात बढ़ने से डर गए
मैं जो तनहा हुआ बढ़ने लगी शोहरत मेरी
आ गई काम मेरे मुझसे बग़ावत मेरी
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