ख़ामोश रहकर जग में बदनाम हो गए
इन्सान अगर आँसु के समुंदर में भी डूब जाए
तब भी तक़दीर का लिखा हुआ नहीं मिटा सकता
क़िस्मत में जो लिखा था सो देखा है अब तलक
और आगे देखिये अभी क्या क्या है देखना
ये सरकशी बग़ावत मेरी सरिशत न थी
बहुत सताया जहाँ ने तो में ने मुँह खोला
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