साहेब १३ मई आई और एक भूचाल मना कर चली गई १३ का अंक हमारी बहन जी को तो Suit करता ही है पता चला की दीदी को भी १३ का ही अंक अच्छा लगता है है मगर South की Iron Lady को भी यह ही Suit कर गया . दिल्ली मैं बैठी शीला बहन और सोनिया जी के चहरे पर भी मुस्कराहट बिखर गई सरदार जी की जुल्फें भी पगरी के अन्दर ही अन्दर लहरा गई होंगी.
हम को बहुत अच्छा लगा की हम ने बहुत वर्षों पहले ही अपने घर की सत्ता एक महिला को ही सोंप कर अमनो-अमान मांग लिया था और हमारे देश की जनता भी कम जागरूक नहीं है उसने भी बार-बार ऐसे ही फैसले किये हैं मगर सियासत के गलियारों मैं बैठे हुए लोग ये नहीं चाहते हैं वरना हर तरफ अमन ही अमन हो.
वीरप्पन को लोग भूल गए होंगे मगर उसकी मूंछें याद होंगी उसका काम भी तमाम Iron Lady ने ही किया था और बहन जी ने तो क्या नहीं किया यहाँ किसी को याद दिलाने की ज़रुरत ही नहीं.
वाह और अगर आप इन सब का अंदाज़े बयान देखें तो कह उठें .......
دیکھنا تقریر کی لذّت کی جو اسنے کہا
میں نے یہ جانا کی گویا یہ بھی مرے دل میں ہے غالب
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