Monday 9 June 2014

दर्द

वो दर्द जो दुश्मन के हवाले से मिला है
कम उस से है जो चाहने वालेे से मिला है


आप ग़ैरों की बात करते हैं हम ने अपने भी आज़माए हैं
लोग काँटों से बच कर चलते हैं हमने फूलों से ज़ख़्म खाए हैं



1 comment:

  1. wah kya bat hai. aur sach lagta hai. zamane ko dekh kar yeh hi lagta hai.

    ReplyDelete

kindly be modest in your comments.